Xxx गर्लफ्रेंड चुदाई कहानी में मेरी कक्षा की एक लड़की मेरी गर्लफ्रेंड है गर्लफ्रेंड को सारी रात चोदा. मैं उसे एक बार चोद चुका था. पर दूसरी बार मैं उसे खुल कर पूरे मजे से चोदना चाहता था. ऐसा मौक़ा मिला भी!
कैसे हो दोस्तो, मुझे उम्मीद है आप सब एकदम मस्त होंगे।
अन्तर्वासना पर मेरी सेक्स स्टोरी के साथ आप सबका स्वागत है।
यह Xxx गर्लफ्रेंड चुदाई कहानी मेरी गर्लफ्रेंड के साथ चुदाई की है जब मैंने उसको सारी रात चोदा था।
सबसे पहले मैं अपने बारे में आपको थोड़ा सा बता देता हूँ।
मेरा नाम वीर है। मैं हरियाणा (हिसार) का जाट हूँ। मेरा क़द लगभग पाँच फुट सात इंच है।
बचपन से ही खेल कूद का शौक़ था तो उसकी वजह से बॉडी भी ठीक है मेरी!
मेरे लंड का साइज लगभग छः इंच लंबाई और मोटाई ढाई इंच है।
आप सबको हरियाणा का खान-पान का तो पता ही है; दूध दही की वजह से स्टेमिना भी अच्छा है जिससे चुदाई के वक़्त औरत प्यासी नहीं रहती है।
जब मैं कॉलेज में था उस वक़्त नीतू नाम की मेरी क्लासमेट थी।
एक दिन मैंने उसको प्रोपोज किया तो उसने भी हाँ कर दी और तब से हम दोनों एक साथ हैं।
नीतू का शरीर एकदम परफ़ेक्ट है।
वह ना तो ज्यादा पतली है और ना ही ज्यादा मोटी … बिलकुल भरा हुआ बदन है।
उसके बूब्स का साइज 32 बिलकुल गोल गोल गेंद की तरह उठे हुए।
कमर 28 और गांड का साइज लगभग 34 होगा।
नीतू का नयन नक़्श बहुत मस्त है।
पूरे दिन उसके चेहरे पर मासूमियत का भाव रहता है।
मैं तो उसके चेहरे पर ही फ़िदा हो गया था और उसी टाइम उसको अपनी गर्लफ्रेंड बनाने का सोच लिया था।
थोड़ा बहुत जुगाड़ करने पर मैं आख़िरकार कामयाब हो गया।
चलो बहुत हो गई जान पहचान … अब असली कहानी पर आते हैं।
हमारी दोस्ती होने के कुछ महीनों बाद ही हमने चुदाई कर ली थी।
यह चुदाई बहुत जल्दबाज़ी में हुई थी और नीतू का फर्स्ट टाईम सेक्स था ये … तो उसको ज़्यादा मज़ा भी नहीं आया.
और ऊपर से सील टूटने का दर्द!
कुछ दिनों तक तो उसने बात ही नहीं की मुझसे!
हमारी इस पहली चुदाई की कहानी आपको फिर कभी बाद में सुनाऊँगा।
ख़ैर बहुत मिन्नतें करने के बाद नीतू मान गई।
अब कॉलेज मैं जब भी मौक़ा मिलता मैं और नीतू आपस में चिपक जाते।
उसके होंठ बहुत भारी है जिनको चूसने में बहुत मज़ा आता था मुझे!
कुर्ते के ऊपर से ही उसके बूब्स को हाथ में लेकर मसल देता।
नीतू भी खुलकर सहयोग देती।
ऐसे ही चूमा चाटी और बूब्स दबाते हुए बहुत दिन निकल गये लेकिन दोबारा चुदाई का मौक़ा नहीं मिल रहा था।
मैं इस बार जल्दबाज़ी मैं कोई चुदाई नहीं करना चाहता था।
इसलिए मैंने थोड़ा और इंतज़ार करना ही सही समझा।
ख़ैर जल्दी ही वो मौक़ा भी आ गया जब हमको पूरी रात मिलने वाली थी चुदाई के लिए!
हमारे फ्रेंड ग्रुप में कुछ सीनियर दोस्त भी शामिल थे।
उनमें से एक हमारी सीनियर रेखा की उसके घर वालों ने शादी तय कर दी थी।
अगले महीने नवंबर में उसकी शादी होनी थी।
हमारा पूरा ग्रुप उसकी शादी में जाने वाला था।
जब मैंने नीतू से पूछा कि शादी की रात अगर हम दोनों अपनी सुहागरात मनाये तो कैसा रहेगा?
नीतू भी झट से तैयार हो गई क्योंकि उसे भी पहली चुदाई के बाद दोबारा लंड लेने का मौक़ा नहीं मिला था.
और ऊपर से जब हम दोनों चूमा चाटी करते तो चूत की आग बुरी तरह से भड़क जाती थी।
रेखा की शादी रात को होनी थी तो हमारा पूरा ग्रुप शाम के टाईम ही पहुँच गया वहाँ!
नीतू लाल रंग की साड़ी पहन कर आयी थी।
गोरे बदन पर लाल साड़ी में बिलकुल अप्सरा लग रही थी वो!
दो तीन घंटे तक हम सब ने मिलकर खूब हँसी मज़ाक किया।
रेखा के साथ फोटोशूट करवाने के बाद सबने एक साथ डांस किया।
फिर जब रात के 8 बजने वाले थे तो मैंने और नीतू ने रेखा और बाक़ी दोस्तों से यह बोलते हुए विदा ली कि सुबह विदाई से पहले वापिस आ जाएँगे।
चूँकि रेखा को हमारे बारे में सब पता था तो उसने भी हमको आँख मारते हुए बोला- खूब मज़े करना।
अब हम दोनों वहाँ से निकलकर मेरी गाड़ी की तरफ़ आ गये।
गाड़ी के अंदर आते ही मैंने नीतू को ज़ोर से चूमना शुरू कर दिया।
नीतू इतनी ज़्यादा सेक्सी लग रही थी की बहुत मुश्किल से ख़ुद पर क़ाबू किया हुआ था अब तक!
जब 2-3 मिनट तक एक दूसरे को चूमने के बाद हम अलग अलग हुए तो दोनों के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई।
वहाँ से अब हम वापिस हिसार शहर में आ गये और होटल में एक कमरा ले लिया।
चूँकि यह होटल मेरे स्कूल टाईम के दोस्त का था तो हमें कोई ख़तरा भी नहीं था यहाँ पर!
रूम के अंदर आते ही हम दोनों एक दूसरे से ऐसे चिपक गये जैसे ना जाने कितने जन्मों से प्यासे हों।
होंठ से होंठ ऐसे चिपके हुए थे कि बीच में से हवा भी ना निकल सके।
नीतू पागलों की तरह मेरी जीभ को अपने मुँह में लेकर चूस रही थी।
मैंने भी नीतू की गांड को अपनी हथेली में लेकर उसको अपनी गोद में उठा लिया था और लगातार उसे चूमे जा रहा था।
लगातार 5-6 मिनट तक चूमा चाटी करने के बाद हम अलग हुए.
तो मुझे याद आया कि हमने अभी तक रूम लॉक नहीं किया था।
मैंने नीतू को अपनी गोद से उतारा तो वह बाथरूम में चली गई फ़्रैश होने के लिए और मैंने जाकर रूम को लॉक किया।
नीतू के बाद मैं भी बाथरूम में फ़्रैश होने के लिए चल दिया.
तब तक नीतू ने अपनी साड़ी निकाल दी और सिर्फ़ ब्रा पैंटी रहने दी अपने ऊपर।
बाहर आते ही मैंने भी अपने कपड़े निकाले और नीतू को अपनी बांहों में ले लिया और चूमते हुए उसको बेड पर लेटा दिया।
मैं उसकी गर्दन, गाल पर पागलों की तरह चूमता रहा और एक हाथ से उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबाता तो नीतू भी मुझे कसकर ख़ुद से चिपका लेती.
जो संकेत था इस बात का कि उसको भी फुल मज़ा मिल रहा है।
जब मैंने उसके कान के निचले हिस्से को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया तो नीतू ने उत्तेजित होकर मेरी पीठ में नाखून चुभा दिये।
मैंने भी बदले में उसके बूब्स को ज़ोर से मसल दिया तो नीतू के मुँह से आह निकल गई।
अब मैं चूमते हुए नीचे आया और नीतू की ब्रा निकाल दी।
नीतू के बूब्स पर हल्के भूरे रंग के निप्पल क़यामत लग रहे थे।
मैंने कोई देर ना करते हुए फट से उनको अपने मुँह में ले लिया।
एक बूब को मसलते हुए दूसरे को ऐसे चूस रहा था जैसे अभी इनसे दूध निकाल लूँगा मैं!
ऐसे ही उसके दोनों बूब्स को चूसते, निचोड़ते हुए मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत की तरफ़ सरका दिया।
पेंटी के ऊपर से ही मैं उसकी चूत को रगड़ने लगा।
नीतू पूरी गर्म हो चुकी थी।
उसकी चूत भी पानी बहाने लगी थी।
अब नीतू से भी कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने उसके बूब्स को छोड़कर उसकी चूत की तरफ़ हमला कर दिया और घूमकर मेरा लंड नीतू के मुँह के आगे कर दिया।
हम दोनों 69 पोजीशन में आ गये।
नीतू भी अंडरवियर को नीचे करके मेरे लंड को बाहर निकाल कर उसको चूमने लगी।
जैसे ही नीतू ने लंड के टोपे को मुँह में लेकर चुप्पा मारा तो मज़े से मेरी सिसकारी निकल गई।
पहली बार में भी नीतू बहुत अच्छे से लंड को चूस रही थी।
नीतू की लंड चुसायी के आगे मैं ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया और मैंने अपने लंड का सारा रस उसके मुँह में ही ख़ाली कर दिया जिसे नीतू भी बड़े प्यार से पी गई।
उधर मैंने अपनी जीभ चूत के अंदर तक चलानी जारी रखी हुई थी।
नीतू की चूत बिल्कुल किसी छोटी बच्ची की तरह है जिसकी हिफ़ाज़त उसके ऊपर दो मोटी मोटी पाव रोटी के जैसी फूली हुई फाँकें कर रही थी।
इन फाँकों के अंदर का नजारा तो बिलकुल जन्नत जैसा था।
नीतू की चूत अंदर से हल्की गुलाबी रंगत लिए हुए थी।
मैं अपनी जीभ को आगे से तीखी करके चूत के अंदर डालकर उसकी चुदाई करने में लगा हुआ था।
बीच बीच में जीभ को बाहर निकाल कर ऊपर से नीचे तक चाट कर चूत का सारा रस पी जाता।
जब मैं जीभ से चूत के दाने को रगड़ता तो नीतू मज़े से अपनी कमर उचकाने लगती।
कुछ समय बाद जब मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया तो अब हम दोनों तैयार थे चुदाई के लिए!
मैं अपना लंड, जिसको नीतू ने अपने मुँह में लेकर पूरा गीला किया हुआ था, उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा।
मैंने नीतू की तरफ़ देखा तो उसने मेरी आँखों में आँखें डालकर अपनी मूक सहमति दे दी कि अब और इंतज़ार ना करो। जल्दी से डाल दो अपना ये लंड मेरी कमसिन चूत के अंदर!
तब मैंने तकिया उठाया और उसको नीतू की गांड के नीचे लगा दिया जिससे उसकी चूत ऊपर उठकर थोड़ी सी खुल गई।
मैंने लंड को चूत के मुँह पर रख कर धीरे धीरे दाब देनी शुरू की तो सिर्फ़ टोपा ही अंदर घुसा था.
और नीतू की आँखों में आँसू आ गये।
अब तक सिर्फ़ एक बार ही चुदाई होने के कारण नीतू की चूत बिलकुल कुँवारी की तरह ही कसी हुई थी।
नीतू को दर्द हो रहा था तो मैं बहुत धीरे धीरे लंड को उसके अंदर डाल रहा था और साथ में उसके बूब्स को अपने हाथों से मसलता रहा ताकि वह कुछ अच्छा महसूस करे।
जब लंड पूरा अंदर तक घुस गया तो मैं वैसे ही अंदर डाले हुए नीतू के ऊपर लेटकर उसको चूमने लगा।
हम दोनों अपनी जीभ एक दूसरे के मुँह में डालकर चूस रहे थे।
2 मिनट बाद जब नीतू गर्म हो गई तो मैंने उठकर नीतू की दोनों टाँगों को अपने हाथों में पकड़ लिया और अपनी कमर हिलाते हुए लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया।
जब जब मैं ऊपर से झटका देता तो नीतू की गांड बेड के गद्दों के अंदर घुस जाती और नीचे से बेड के गद्दे उसको ऊपर की तरफ़ धकेलते.
तब मेरा लंड उसकी चूत की जड़ तक समा जाता।
नीतू के मुँह से हर झटके के साथ सिर्फ़ ‘आह … ऊह … आआ आह … उफ़्फ़’ जैसी सिसकारियाँ ही निकल रही थी।
थोड़ी देर में मैंने पॉज़िशन बदलते हुए नीतू को घोड़ी बनने के लिए बोला और मैंने पीछे से लंड डालकर चुदाई शुरू कर दी।
यह डॉगी स्टाईल मेरी पसंदीदा है क्योंकि इसमें झटके मारते टाइम जब गांड पर थाप पड़ती है तो ठप ठप की आवाज़ से मज़ा दोगुना हो जाता है।
नवंबर के महीने में हल्की ठंड शुरू हो जाती है लेकिन आज हम दोनों को ही पसीने आये हुए थे।
पूरा कमरा ठप ठप की आवाज़ से हमारा हौंसला बढ़ा रहा था कि ‘शाबाश ऐसे ही करते रहो।’
नीतू का दर्द अब मज़े में बदल चुका था।
उसके मुँह से अब सिर्फ़ ‘आह … और ज़ोर से … और अंदर तक घुसा दो … यस् आह ऊह … और ज़ोर से करो … आ आह मर गई!’ सिसकारियाँ निकल रही थी।
कुछ समय बाद नीतू ने अपनी कमर उचकाकर लंड लेना शुरू कर दिया।
मैं समझ गया कि नीतू अपने चरम पर है।
मेरा शरीर भी अकड़ने लगा था।
मैंने अपने झटकों को तेज तेज कर दिया और नीतू से पूछा- मेरा होने वाला है; कहाँ निकालना है?
नीतू ने बोला- अंदर ही आ जाओ। मेरा भी होने ही वाला है … और ज़ोर ज़ोर से चोदो।
5-6 झटकों के बाद हम दोनों एक साथ झड़ने लगे।
मैं अपने लंड को चूत के अंदर डाले डाले ही नीतू के ऊपर लेट गया।
ऐसे ही लेटे हुए मैंने नीतू के चेहरे को चूमते हुए उससे पूछा- कैसा लगा?
तो नीतू ने मेरे होंठ को अपने दाँत से काटकर एक ज़ोरदार स्मूच दिया और बोली- अब ख़ुद समझ जाओ।
मैंने नीतू को गले लगाया और उसे चूमते हुए ‘आई लव यू’ बोला।
थोड़ी देर ऐसे ही प्यार करने के बाद टाईम देखा तो 10:15 हो चुके थे।
मतलब हम लगभग एक घंटे से लगे हुए थे।
एक मस्त चुदाई के बाद हम दोनों को ही भूख लग आयी थी.
तो मैंने ऑनलाइन पिज़्ज़ा और कोल्ड ड्रिंक मँगवा ली।
ऐसे ही नंगे एक दूसरे को पिज़्ज़ा खिलाते पिलाते हुए हमको 11 बज चुके थे।
अब एक बार फिर से हम अगले राउंड के लिए तैयार थे।
झटपट से हम दोनों 69 पोज़ीशन में आ गये और मैं अपने पसंदीदा काम यानि चूत को चूसने, चाटने में जुट गया।
नीतू भी मेरे लंड को प्यार कर रही थी.
कभी वह उसके टोपे पर अपनी जीभ फेरकर तो कभी उसको मुँह के अंदर लेकर एक ज़ोरदार चुप्पा मार के!
थोड़ी देर में नीतू ने मेरे ऊपर आकर इस बार चुदाई की कमान अपने हाथ में ले ली।
वह मेरी छाती पर मेरे निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगी।
मेरे लिए यह बिल्कुल नया अहसास था।
बीच बीच में नीतू मुझे लव बाइट्स के निशान भी दिये जा रही थी जो मेरे लंड की आग में घी का काम कर रहे थे।
जब आग कंट्रोल से बाहर होने लगी तो नीतू ने पहले मेरे लंड को मुँह में लेकर गीला किया और फिर अपनी चूत को उसके ऊपर टिका कर धीरे धीरे पूरा लंड अपने अंदर ले लिया।
अब जब पूरा लंड सही से फ़िट हो गया तो वह अपनी कमर को हिलाते हुए ऊपर नीचे कूदने लगी।
मैं नीचे से उसकी कमर को पकड़ कर उसके हिलते हुए बूब्स देख रहा था।
क्या नजारा था वो!
ऐसे लग रहा था जैसे ये वक़्त यहीं रुक जाये।
ये Xxx गर्लफ्रेंड चुदाई कभी ख़त्म ही ना हो!
जब नीतू कूदते कूदते थक गई तो मैंने नीचे से अपनी कमर उठा उठा कर उसको इसी पोजिशन में चोदना चालू रखा।
पूरे कमरे में हम दोनों की सिसकारियाँ गूँज रही थी।
नीतू ने नीचे झुक कर मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिये और हम एक दूसरे के चुंबन में खो गये।
थोड़ी देर चलने वाली इस मस्त चुदाई में हम दोनों अपने चरम पर पहुँच गये थे।
हमारा शरीर अकड़ने लगा तो मैंने नीचे से अपने झटके और तेज कर दिये।
नीतू भी अपने चुंबन से मेरा जोश बढ़ा रही थी- यस् बेबी … फ़क मी हार्ड … और तेज तेज चोदो। आहह … मर गई … और ज़ोर से! मेरी चूत को भर दो अपने रस से … और अंदर तक घुसा दो।
इसी के साथ ही मेरे लंड से गर्म गर्म वीर्य निकला जो मैंने नीतू की चूत के अंदर ही छोड़ दिया।
मेरे गर्म गर्म वीर्य का एहसास मिलते ही नीतू की चूत ने भी अपना सब्र खो दिया और हम दोनों एक साथ झड़ने लगे।
क्या मज़ा आया उस वक़्त … जिसको यहाँ लिख पाना संभव नहीं है।
हम एक दूसरे को ऐसे ही गले लगे लगाये ना जाने कब तक लेटे रहे।
नीतू और मैं दोनों पूरी तरह से संतुष्ट हो चुके थे।
2 बार की चुदाई के बाद कब ऐसे गले लगे हुए ही नींद आ गई पता ही नहीं चला।
फिर रात के 3 बजे के क़रीब हमारे दोस्तों ने कॉल किया मेरे पास और बताया- रेखा का स्टेज़ प्रोग्राम चल रहा है और लगभग आधा घण्टा बाद फेरे शुरू हो जाएँगे।
मैंने दोस्त को बोला- हम फेरे ख़त्म होने से पहले पहुँच जाएँगे!
और फ़ोन काट दिया।
मैंने नीतू की तरफ़ देखा तो मेरे से चिपक कर नंगी मेरे साथ सोयी हुई थी।
उसका एक हाथ मेरी छाती के ऊपर था और एक टाँग मेरी टांगों के ऊपर!
नीतू के चेहरे पर एक मासूमियत का भाव था।
उसको सोते हुए देखना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
मैंने प्यार से उसके माथे को चूम लिया और उसके गाल पर भी!
नीतू भी कसमसाकर मुझसे और ज़्यादा चिपक गई।
मैंने भी उसे अपनी बाँहों में जकड़ लिया और उसके कान के पास आकर धीरे से उसको उठाया कि सब लोग हमारा इंतज़ार कर रहे है। हमको चलना होगा अब!
नीतू ने अपनी आँखें खोली और मुझे प्यार से चुंबन करने लगी।
2-3 मिनट तक एक दूसरे को चूमने के बाद हम दोनों उठे और फ़्रैश होने के लिए बाथरूम की तरफ़ चल दिये।
हम दोनों एक साथ नहाए और नहाते टाइम भी एक दूसरे के अंगों को छेड़ते रहे.
जिससे एक बार और चुदाई करने का मूड बन गया तो वहीं बाथरूम में ही हमने चुदाई का एक राउंड लगा लिया।
नीतू आज बहुत खुश थी।
Xxx गर्लफ्रेंड की पहली चुदाई के बाद आज उसको चुदाई का असली सुख मिला था।
बाथरूम से बाहर आकर नीतू को साड़ी पहनने में मैंने उसकी मदद की।
अब होटल से निकल कर हम वापिस शादी की तरफ़ चल पड़े।
जब हम वहाँ पहुँचे तो लगभग सुबह के 4 बज चुके थे और दूल्हा रेखा के गले में मंगलसूत्र पहना रहा था।
रेखा ने जब हमारी तरफ़ देखा तो मुस्करा दी.
जिसके बदले में हम भी मुस्कुरा दिये।
तो दोस्तो. यह थी मेरी और नीतू की सारी रात चलने वाली चुदाई की कहानी।
जल्दी ही आप सबके सामने नीतू और मेरी पहली चुदाई की कहानी भी लेकर आऊँगा।
आशा करता हूँ कि आप सबको कहानी पसंद आयी होगी।
किसी प्रकार की त्रुटि के लिए क्षमा करना।