नमस्ते दोस्तो, आप सभी का एक बार फिर से शनाया की दुनिया में स्वागत है.
मैं आपको अपने बदन की जानकारी नहीं दूँगी, उसके लिए आप मेरी पहले की सेक्स कहानी
तीन लड़कों के साथ सेक्स
पढ़ें.

ग्रुप सेक्स करके आत्मा तृप्त तो हो गई थी लेकिन कुछ दिनों के लिए ही. अजनबी के साथ दोस्ती और चुदाई की मस्ती

हालांकि उनमें से अनुज मुझे अक्सर खुश करते रहते थे.
अनुज का जब भी मन करता, वे आ जाते और रात भर मजे करते और मेरे पहलू में ही सो जाते थे.

कभी कभी वे मुझे अपने लंड पर बिठा कर कार सिखाते.
इस सबमें मुझे काफी मजा मिलता था.

कुछ समय बाद मैंने फ्लैट बदल दिया था.

वहां पर एक कॉलेज का लड़का अक्सर मुझे देखता रहता, ताड़ता रहता था.
उसका नाम शशांक था. उसको सब शैंकी कह कर बुलाते थे.

वह सामने वाले घर में रहता था और अक्सर मेरा पीछा करता था.
वह अनुज को मेरे फ्लैट पर आते देखता था तो कुछ कुछ समझ गया था.

मेरी यह Xxx अननोन सेक्स कहानी इसी लड़के के साथ है.

कुछ दिनों बाद अनुज मेरे जिस्म का नाजायज फायदा उठाने लगा था.
अनुज आता और मेरे साथ बुरी तरह सेक्स करके चला जाता.

मैंने अनुज से परेशान होकर लड़ाई कर ली और हमारा सब खत्म हो गया.

अब मैं अपनी जॉब पर ध्यान देने लगी.
करीब एक हफ्ते बाद शैंकी से मेरी आमने सामने मुलाकात हुई क्योंकि उसने मुझे लिफ्ट दी थी और मेरी स्कूटी ठीक करा दी थी.

अब वह मेरे फ्लैट में आ जाता था.
हमारी मुलाकात होती, हम दोनों साथ में चाय पीते, बात करते … फिर वह चला जाता.

वह एक इंजीनियरिंग का स्टूडेंट था.
उसकी उम्र 24 साल की होने वाली थी.

वह जिम भी जाता था मगर उसका शरीर ज्यादा कसरती नहीं दिखता था.
हां, वह एक फिट लड़का था.

एक दिन वह मेरे घर आया.
मैं उसके लिए चाय बना लाई.

मैंने चाय रखी ही थी कि तभी मैं फिसल गई और चाय उसके ऊपर गिर गई.

मैं घबराहट में अपना संतुलन खो बैठी और मैं भी उसी के ऊपर गिरने लगी.

तभी उसके दोनों हाथों ने मुझे पकड़ कर सहारा दिया.
उसके दोनों हाथ सीधे मेरे स्तनों पर आ गए.

मेरे दोनों स्तन उसके हाथों से कस गए और मैं गिरने से बच गई.

हालांकि वह तुरन्त संभला और मुझे उठाने लगा.

मैंने कहा- सॉरी सॉरी शैंकी … प्लीज शायद गर्म चाय से जल गए होंगे, प्लीज तुम जल्दी से अपनी पैंट निकाल दो.

वाकयी में चाय बहुत गर्म थी; वह खुद भी बेचैनी महसूस कर रहा था.

उसने अपनी पैंट को निकाल दिया.

मैं उसकी चाय से गीली हुई जांघों को देखने लगी और झट से उसको एक तौलिया लाकर दे दिया.

वह जल गया था.
मैं क्रीम ले आई और खुद अपने हाथ से उसकी जांघ पर लगाने लगी.

यह मेरी गलती थी.
वह बहुत जल गया था और उसको तेज जलन भी हो रही थी.

मैंने उसकी जांघ में बरनॉल क्रीम लगा दी और उठकर हाथ धोने आ गई.

मैं हाथ धोकर वापस आई तो देखा कि वह अपने लंड को पकड़ कर उसके बाजू में क्रीम लगा रहा था.

उसकी चड्डी में से उसका लंड कड़क मोटा डंडा लग रहा था.
वह मुझे आया देख कर बोला- प्लीज आप इधर मत देखना!

मैंने हल्की मुस्कान के साथ अपनी नजरें फेर लीं.
वह आराम से अपने लंड के आजू बाजू क्रीम लगाता रहा.

कुछ देर बाद वह अपनी पैंट पहन कर मेरे घर से चला गया.

मैं सोचने लगी कि मैंने नाहक उसको जला दिया.
अपनी इसी गलती से मैं बहुत दुखी महसूस करने लगी.

मैं अफसोस करते हुए उसके लिए बहुत कुछ करना चाहती थी, तो मैंने अगले दिन उसको बुलाया.
शाम को करीब 7 बजे वह मेरे घर आया.

मैं उसके लिए पुन: चाय बना कर लाई और आज मैंने उसकी चाय में एक दवा मिला दी.

उसके लिए मैं एक जैल ले आई थी.
मैंने उसे जैल लगाने के लिए दिया.

वह बोला- अरे इसकी कोई जरूरत नहीं थी. अब उधर ठीक है.

आज मुझे अपनी टांगों के बीच के छेद में जलन हो रही थी.
मैं अब उसके लंड का रस छकना चाहती थी.

वह बैठ कर चाय पी रहा था.

मैंने उससे कहा- शैंकी, तुम मुझे देखने दो … मैं अपने हाथ से उधर जैल लगा दूँगी. यह सब मेरी वजह से हुआ है.
वह बोला- नहीं, रहने दो … सब ठीक हो जाएगा.

मैंने शैंकी के मुँह पर उंगली रख दी और उसे चुप करा दिया.
अब मैं उसके सामने बैठ गई.

वह बोला- मत करो यार … मुझे शर्म आ रही है.
मैंने पूछा- किस बात की शर्म है?
वह कुछ न कह सका.

मैंने उसके पैंट को उतार दिया और देखने लगी.
उसकी कट वाली चड्डी से झांट के बाल बाहर निकल रहे थे.
इस वजह से उसको शर्म आ रही थी.

मैं कमरे से बाहर गई और अपनी चूत के बाल साफ करने वाला लेडीज रेजर लेकर आ गई.

मैंने उससे कहा- शैंकी चुपचाप बैठे रहना, मैं सब ठीक कर दूँगी.
शैंकी- नहीं रहने दो.

मैंने शैंकी की एक न सुनी और उसकी चड्डी उतार दी.
उसका लंड सो रहा था. सोते हुए में भी उसका लंड बड़ा लग रहा था.

मैंने झट से अपना हाथ आगे बढ़ाया और उसके लंड को पकड़ लिया.
मेरे हाथ लगाते ही उसके लंड ने सांप के जैसे फुंफकार मारी और उसमें जान आने लगी.

मैं बिना कोई रिएक्ट किये रेजर को उसकी झांटों में फेरने लगी.

यह बिना साबुन लगाए बाल साफ कर देता है.
अक्सर डॉक्टर्स भी प्राइवेट पार्ट के पास ऑपरेशन के पहले उधर के बालों को इसी रेजर से साफ करवाते हैं.

उसके लौड़े के ऊपर नीचे सब तरफ बाल ही बाल थे.

मैंने झांटें साफ करते हुए कहा- शैंकी, कब से शेव नहीं की है!
वह शर्मा कर बोला- हां, इस बार बहुत टाइम हो गया है.

मैं उसके आधे खड़े हो चुके लंड को अपने हाथ में मजबूती से पकड़ कर इधर उधर करती हुई झांटें साफ कर रही थी.
उसके बाद जैसे ही मैंने उसके टट्टों पर हाथ को फेरा तो उसकी सिहरन बढ़ गई और उसका लंड खड़ा होने लगा.

वह- यार अब बस करो … रहने दो प्लीज!
मैंने कहा- शैंकी, इसमें गलत क्या है, ऐसा सबके साथ ऐसा होता है. तुम बस रिलेक्स करो.

मैंने दुबारा से उसके लंड को पकड़ा और आस-पास के जंगल को पूरी तरह से साफ कर दिया.

शैंकी ने अपने लंड से चिपचिपा पदार्थ छोड़ दिया था.
उससे मेरे हाथ में उसका प्रीकम लग गया था.

शैंकी शर्म से बोला- सॉरी.
मैं शैंकी से बोली- ओके … अब जाओ और पानी से साफ करके आओ.

शैंकी बाथरूम गया और कुछ टाइम बाद जब वह बाहर नहीं आया.
तो मैं जाकर देखने लगी.

बाथरूम में शैंकी अपने लंड की मुठ मार रहा था.
वह उसी वक्त झड़ने लगा.
उसने मेरा पूरा मजा खराब कर दिया था.

मैं उसके पास गई और बोली- शैंकी बच्चे हो क्या … आज तुम्हें लग्ज़री कार में सवारी करने का मौका है और तुम हो कि खटारा बस से जा रहे हो. चलो आज मैं तुम्हें जन्नत की सैर करवाती हूँ.

तभी मैं बाथरूम के अन्दर आ गई और उसके हाथ में शैंपू दे कर बोली- चलो, जल्दी से इसको साफ करके वापस आओ.

वह अपने हाथ और लंड धोकर बाहर आकर बैठ गया.
मैंने उसकी चड्डी उतार दी और कहा- शैंकी अपनी आंखें बंद करो.

उसने अपनी आखों को बन्द कर दिया.
मैंने शैंकी के लंड को पकड़ा और अपने मुँह में ले लिया.

शैंकी- आआह … आप यह क्या कर रही हो!
मैं- कुछ नहीं, बस अपनी लार से तुम्हारे लंड की मालिश कर रही हूँ. शायद जलन का दर्द ठीक हो जाए.

यह कह कर मैंने उसका पूरा ढीला लंड अपने मुँह में अन्दर ले लिया और जीभ से लंड को सहलाने लगी.
उसका लंड बिल्कुल ढीला हो गया था.

शैंकी- आह बहुत मस्त मजा आ रहा है. आज पहली बार इतना अच्छा महसूस हुआ है.
मैं मस्ती से लंड चूस रही थी, तो उसके लंड में जान आने लगी.

अब शैंकी उठा और बोला- मुझे पूरा प्यार दो … आधे में क्या रखा है!

वह मेरे सिर को पकड़ कर मेरे होंठों को किस करने लगा और मेरे कपड़ों को उतारने की जगह फाड़ने लगा.
मैं एकदम से हैरान होकर बोली- अरे पागल मत बनो … मैं उतार दे रही, फाड़ो मत यार!

शैंकी- मुझे आज समझ नहीं आ रहा …. क्या करूँ … आप बस जल्दी से निकालो.

शायद उस पर अब दवा का असर हो गया था, जो मैंने उसे चाय में मिला कर पिला दी थी.

शैंकी जल्दी से मुझे पकड़ कर बाथरूम में ले गया और मेरी पैंटी उतार कर अपने हाथों में शैंपू लेकर मेरी चूत में लगाने लगा.

वह मेरी चूत में उंगली डाल कर उसे धोने लगा.
मैं उसकी उंगली से मजे लेने लगी थी.

कुछ ही देर में वह एकदम पागल हो गया और जोर जोर से अपनी उंगली को चूत में डालने निकालने लगा.
मैं कामुक सिसकारियों के साथ कराहने लगी- आआह आआह आआह.

मेरी आहें सुनकर वह और तेज तेज उंगली करने लगा.

मैं उसके बालों को पकड़ कर ‘आआह आआह.’ करके झुकने लगी.
‘बस करो शैंकी …’

वह रुक गया और उसने हैंडशॉवर के मुँह को मेरी चूत से लगा कर प्रेशर से अन्दर तक पानी मारा.
उससे मुझे बहुत मजा आया.

कुछ देर बाद उसने कहा- चलो सोफे पर चलते हैं.
मुझे गोदी में लेकर वह सोफ़े पर ले आया और उधर मुझे बिठा कर मेरे पैरों को फैला दिया.

मेरी टांगों के फैलने से चूत भी खुल कर उसके सामने आ गई.
उसने अपने मुँह को मेरी चूत पर रख दिया और जीभ चलाने लगा.

‘आहम्म यम्मी …. शनाया तू एक मस्त माल है.’
वह मेरी चूत चूसने लगा … वह किसी भूखे कुत्ते की तरह मेरी चूत चूस रहा था.

मैं अपनी टांगें हवा में उठाए हुई उसके मुँह पर अपनी चूत घिस रही थी.

‘आआह आआह मम्मी … आह शैंकी आआह बेबी आआह चूस लो.’

कुछ देर बाद वह उठा और उसने अपना लंड मेरे मुँह से लगा कर एक जोरदार धक्के के साथ अन्दर पेल दिया.

अपना पूरा लंड वह मेरे मुँह में पेलने लगा.
वह उत्तेजित अवस्था में मुझे गाली देते हुए कह रहा था- आह साली रंडी … चूस बहन की लौड़ी आह चूस साली.

मेरा सर पकड़ कर वह लंड के लंबे लंबे झटके देने लगा था.
उसके कड़क लंड को मैं अपने गले तक महसूस कर रही थी.

मैं हुक हुक़्क कर रही थी.
मेरा पूरा मुँह लार से भर गया था.

उसका गोरा व मोटा लंड मेरा मुख चोदन कर रहा था.

मैंने उसके पैरों को जकड़ लिया तो वह समझ गया और रुक गया.

मैंने लंड मुँह से निकालते हुए कहा- अब मत करो शैंकी … मैं मर जाऊंगी. अब जल्दी से मेरी चूत चोद दो.

यह सुनकर उसने मुझे उठाया और बेड पर लाकर पटक दिया.
मेरे पैरों को फैला दिया और अपना लंड चूत में डालने लगा.

मैं- अरे अरे कंडोम तो लगा लो यार!
शैंकी- अरे काहे का कंडोम … अभी बिना कंडोम के लंड का मजा लो रानी.

उसने मेरी बात को झटक दिया और झटके से लंड पेल दिया.
मैं- आआह ईई … शैंकी मर गई.

वह- आह साली ऐसे नहीं मरोगी … तुम तो मेरे जैसे दो लंड और खा जाओगी.

यह कहते हुए वह जोर जोर से झटका देने लगा.
उसके झटकों से मेरी चूत फटने सी लगी- आह रे शैंकी साले तूने मेरी जान ले ली … आआह कुत्ते शैंकी … बस कर मादरचोद!

अजनबी के साथ दोस्ती और चुदाई की मस्ती

शैंकी- हम्म … अब आई न साली पटरी पर … अभी से क्या बस कर दूँ साली रांड … अभी तो चोदना शुरू किया है … बहन की लौड़ी साली कुतिया … आज तो लंड बहुत कड़क हो गया है.

वह झटके पर झटके देता गया और अंट-शंट बड़बड़ाता गया और अपने प्यार के झटके देता गया- आह लो मेरी जान … सच में आज लग्जरी कार की सवारी करवा दी तूने … आह!
मैं- आआह शैंकी और ले लो मेरी जान … आआह ईई.

वह और तेज तेज चोदता गया और फक्क फक्क की आवाजें आती गईं

कुछ ही पलों में दोनों तरफ से तेजी बढ़ गई.
अब मैं भी अपनी गांड उठा कर चिल्लाने लगी- आह शैंकी और तेज चोदो … पेलो शैंकी.

उसने तभी अचानक से मुझे अपने ऊपर ले लिया और मैं अपने पूरे मन से उसके लंड पर उछलने लगी.
कुछ मिनट तक मैं अपनी गांड उछाल कर झड़ गई और मैंने थकान जाहिर की.

शैंकी ने मुझे घोड़ी बना लिया और वह मेरी कमर पकड़ कर मुझे चोदने लगा.
वह बड़ी ताकत से मुझे चोद रहा था. शायद दवा का असर था कि वह झड़ ही नहीं रहा था.

वह पूरी ताकत से चोद रहा था.
मैं भी दुबारा से चार्ज हो गई थी और इस बार मुझे भी उसके लंड से ड्रिलिंग करवाने में बहुत मजा आ रहा था.

कुछ देर बाद मैंने शैंकी से कहा- मुझे ऊपर आने दो.
वह चित लेट गया.

मैं उसके लौड़े पर बैठ गई और उसे किस करती हुई उसके लंड पर कंडोम चढ़ाने के लिए आगे को हुई, तो उसने मेरे एक दूध को अपने मुँह में भर लिया और दूध खींचने लगा.

मैंने उसे दूध पिलाते हुए कंडोम उठा लिया.
फिर उसे किस करते हुए मैं लंड पर कंडोम चढ़ाने लगी.

शैंकी- अरे मत लगाओ न यार!
मैं- चुप रहो यार!

मैंने लौड़े को बरसाती पहना दी.
मुझे अपनी सुरक्षा पहले देखनी थी.

अब उसने मुझे लौड़े पर बिठा लिया और लंड पेल कर बोला- चलो उछलो मेरी जान.
मैं लंड पर गांड उछालने लगी.

उस समय मेरे दोनों दूध उछल रहे थे उसने मेरे मम्मों को पकड़ लिया और मसलते हुए गांड उठाने लगा.

हम दोनों की चुदाई से बेड ‘चूं चूं …’ करने लगा था.
नीचे से शैंकी भी झटके दे रहा था.

मैं भी ‘आ ईई ईईईई आआह.’ करने लगी थी- आह शैंकी मर जाऊंगी … बस कर मेरे राजा.
शैंकी- बस मेरी जान … आह तुझे मरने नहीं दूँगा.

अजनबी के साथ दोस्ती और चुदाई की मस्ती

मैं- शैंकी अहह बस करो न शैंकी आआआह … बस बहुत हुआ … अब मुझसे नहीं होगा!

तभी उसने मेरे हाथों को पकड़ा और मुझे अपने ऊपर लिटा कर झटके देने लगा.
मैं अपनी चूचियां रगड़वाती हुई चूत में लंड ले रही थी.

तभी वह एकदम से उठा और उसने मुझे ऐसे घुमा दिया कि मेरे पैर जमीन पर आ गए और मैं बेड पर उल्टी लेट गई.

मैं- आह … यह क्या कर रहे हो शैंकी?
इतने में शैंकी का लंड चूत के अन्दर घुस गया और वह पिल पड़ा.

मैं- आआह ममम्मा आआह.
इस पोज में उसका लंड सीधा मेरे जी-पॉइंट में लग रहा था.

शैंकी रुकता ही नहीं … वह तो सटासट झटके देने में लग गया था.
मैं बस ‘आऊ बेबी आआह जान लोगे क्या …’ चीखती रह गई.

कुछ पल बाद मुझे भी मजा आने लगा था.
पर दर्द से आआह निकल रही थी.

कुछ देर में मुझे लग रहा था कि मैं झड़ जाऊंगी.
तभी शैंकी ने कहा- मैं अब पानी निकाल रहा हूँ बेबी!
मैंने तुरन्त शैंकी से कहा- रुको.

उसको मैंने लिटाया और फिर से लंड पर उछलने लगी.
मैंने कहा- शैंकी जब निकलने लगे, तो एक इशारा कर देना.

मैंने गांड उछालने की गति तेज कर दी.
उधर शैंकी भी झटके देने लगा.

जैसे ही शैंकी आआह आआह करने लगा.
मैं तुरन्त उठ गई और मैंने कंडोम हटा दिया.

उसका माल मेरी गांड के ऊपर रगड़ रहे टोपे से निकलने लगा.
उसका पूरा माल वहीं निकल गया.

मैंने तुरन्त लंड अपनी चूत में डलवा लिया और लंड के रस का स्वाद चूत को चखाने लगी.
शैंकी- अरे जान, यह क्या कर रहो हो … अब नहीं करो. गड़बड़ हो जाएगी!

मैंने शैंकी को जकड़ कर पकड़ लिया और उसके लौड़े पर चूत उछालने लगी.
शैंकी- अहह बेबी … अब नहीं … मेरे लंड में जान ही नहीं बची.

अजनबी के साथ दोस्ती और चुदाई की मस्ती

मैं- आह प्लीज थोड़ी दम और मारो.
वह आंखें बंद करके लंड को अकड़ाने की कोशिश करने लगा.

मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और मैं भी झड़ने लगी- आआह आआह अह गई.
मैं हांफती हुई उसके सीने के ऊपर लेट गई और वह मेरे बदन पर अपने हाथ फेरने लगा.

शैंकी ने कहा- आह शनाया आह … मजा आ गया … तुम सच में लग्जरी आइटम हो.
मैं हंस दी और उसने मुझे कस कर जकड़ लिया.

हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे.
करीब 20 मिनट बाद उसने मेरे कान में कहा- जान मुझे भूख लगी है, कुछ बना दो.

मैं- शैंकी पहले बाथरूम चलो, उठा ले चलो मुझे!
वह मुझे अपनी गोदी में उठा कर बाथरूम में ले गया.

उधर ले जाकर उसने मेरी चूत साफ की व अपना लंड भी साफ कर लिया.

हम दोनों नंगे ही किचन में आए.

मैं मैगी बनाने लगी.
वह मुझे तंग करने लगा.

फिर वह मेरे पीछे आया और मेरी हेल्प करने लगा.

तभी मैंने महसूस किया कि इसका लंड फिर से खड़ा होने लगा है.
मैंने कहा- शैंकी, अभी कुछ नहीं करना, अभी पहले अच्छे से खा लो.

वह- अरे सब हो जाएगा, पहले बनने तो दो.
शैंकी ने मेरे हाथों को किचन की पट्टी पर रखवाया और पीछे से ही अपने लंड को मेरी चूत पर रख कर ठेल दिया.

मैं जोर से कराही- आआह मम्मी आआह … साले सूखी चूत में ही पेल दिया.
शैंकी और जोर से लंड पेलते हुए बोल- बस बेबी बस … कुछ नहीं हुआ. तुम मैगी देखो, मैं इधर देखता हूँ.

मैंने हंस कर चम्मच पकड़ी और मैगी चलाने लगी.
वह फिर से चूत में ठेल देने लगा.

मैं फिर से ‘आआह बेबी शैंकी …’ कहने लगी तो वह मेरे दूध पकड़ कर मसलने लगा.
‘अरे शनाया … कुछ नहीं हुआ, तुम बस मजा लो और मुझे मैगी खिलाओ.

मैंने मैगी एक प्लेट में निकाली, तब तक उसने अपना लंड पेलने का सिलसिला जारी रखा.

चूत ने रस छोड़ दिया था तो चिकनाई से मुझे भी चूत चुदवाने में मजा आने लगा.

कुछ देर बाद हम दोनों रुक गए और लंड चूत अलग करके कमरे में आ गए.
शैंकी मेरे प्यार में डूब चुका था.

उसने मेरे मम्मों पर मैगी की प्लेट रख दी और खाने लगा.
मैं प्लेट हटा कर बाथरूम में चली गई और वापस आकर देखा, तो शैंकी का लंड मेरी मैगी नूडल्स के बीच में खेल रहा था.

‘लो आ जाओ, खा लो!’
मैंने मना कर दिया.

पर वह नहीं माना और मैंने उसके लंड के साथ मैगी खाना शुरू कर दी.
वह अपने लंड पर मैगी लपेट कर मुझसे मुँह से चटवा रहा था.

सच में उसके लंड से मैगी चाटने में बड़ा मजा आ रहा था.

करीब 5 मिनट बाद वह मुझे बाथरूम में ले गया और बाथरूम में सब साफ करके वहीं मुझे पलट करके कुतिया बना कर मेरी चूत में लंड पेलने लगा. अजनबी के साथ दोस्ती और चुदाई की मस्ती
इस बार चूत में चिकनाई थी, तो रखते ही सट से लंड भीतर घुस गया.

शैंकी- अरे लगता है पूरी सुरंग खुल गई है … बिना किसी मेहनत के काम हो जाएगा अब!
अब शैंकी कमोड पर बैठ गया और मैं उसके तने हुए लौड़े के ऊपर बैठ गई.

उसके झटके लग रहे थे और मेरे दोनों दूध गजब उछल रहे थे.
वह बार बार मेरे मम्मों पर हाथ मार रहा था और उन्हें मसल रहा था.

बाथरूम में करीब 20 मिनट तक धकापेल चुदाई चलती रही और हम दोनों झड़ गए.
रात से सुबह तक शैंकी मुझे 5 बार चोद चुका था.

अगले दिन हम दोनों एकदम बेहोश पड़े थे.

अब यह Xxx अननोन सेक्स का रिश्ता एक नया मोड़ ले चुका था.
हम दोनों गोवा ट्रिप की सोचने लगे और जल्द ही जाने का प्लान बना लिया.

दोस्तो, गोवा में हम दोनों की सेक्स कहानी आपको कुछ ही दिनों में पढ़ने को मिलेगी क्योंकि हम लोग अगले हफ्ते जा रहे हैं और उधर चुदाई की मस्ती को लेकर मैं आपको सुनाने जल्द ही आऊंगी.
अपना प्यार बनाए रखना और प्लीज Xxx अननोन सेक्स कहानी पर गलत कमेंट मत करना.
नहीं तो मैं अपनी सेक्स कहानी लिखना बन्द कर दूँगी.

One Response

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *